इस देश का दुर्भाग्य है कि लोग वाहन अधिनियम का मजाक उड़ा रहे है जबकि उन्हें इसकी गंभीरता समझनी चाहिए। | New traffic rules

इस देश का दुर्भाग्य है कि लोग वाहन अधिनियम का मजाक उड़ा रहे है जबकि उन्हें इसकी गंभीरता समझनी चाहिए।

 पुलिस और सरकार का मजाक उड़ा कर हंसी करने वालो से निवेदन है कि आप मे से कितने लोगों ने हॉस्पिटल की मोर्चरी में जवान बेटे की लाश पर रोते माँ बाप को देखा है, उस औरत को जिसके एक हाथ मे चार साल का बच्चा उंगली पकड़े खड़ा है और एक साल भर का बच्चा गोदी में है।

जिनको ये भी पता नही की वो दुनिया के सबसे बड़े दुख का सामना कर रहे है।आपने नही देखा शायद पर मैने ये मंजर कई बार देखा है। लोग शराब पी कर वाहन चलाये ओर भुगते कोई ओर।

जो लोग मजाक में कहते है इस एक्ट में फांसी का प्रावधान नही है तो उस माँ से पूछो तो वो बताएगी की होना चाहिए या नही फांसी का प्रावधान।

सभी की नजर जुर्माने पर है पर कोई ये नही कहता कि हम कुछ बेहतर बने जिस से जुर्माना नही भरना पड़े।

ये रोड पर खड़ा ट्राफिक का सिपाही जो तुमको विलेन नजर आता है अगर ये नही हो तो शायद कार वाला बाइक वाले को ओर ट्रक वाला कार को इस रोड पर नही चलने दे।

जब तक कोई आपका अपना नही मरे तब तक इस मजाक को एन्जॉय कर ले बाद में शायद आपको ये इतना आंनद दायक नही लगेगा।

अंतिम बात वाहन जब तक वाहन है जब तक वह सही और प्रशिक्षित हाथो में है। वरना वो वेपन (हथियार) है और कोई समझदार व्यक्ति ये नही चाहेगा कि हथियार ऐसे हाथो में हो जो खुद इस का महत्व और मारक शक्ति को नही समझता हो।

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